राज्य शासन द्वारा जारी किये गये नई मछुवा नीति से मछुवारा समाज में है रोष व्याप्त……पूर्व में जो मछुवा नीति थी वही यथावत रहे नहीं तो मछुवारा समाज सड़क की लड़ाई भी लड़ने को तैयार है…….
शिवनाथ संवाद।। छत्तीसगढ़ धीवर (ढीमर) समाज महासभा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रांतीय अध्यक्ष कुशल थानसिंह मटियारा ने कहा की मछुवा नीति में जो बदलाव हुवा है । उसमे मछुवारे के पेट में लात मारने उनकी, उनकी रोजी रोटी को छीनने वाला नीति नियम बनाया गया है। खुली निविदा कर नीति के तहत 10 हैक्टेयर तक के तालाबों को मछुवा समिति (सोसायटी) के बजाये समूह को दिये जाने का नियम लागु किया गया है। जो की मछुवारा समाज के अधिकारों का हनन है । नदियों को भी 10 वर्ष के लिये लीज में दिया जा रहा हैं जिससे नदियों में सदियों से नि: शुल्क मत्स्याखेट कर अपने परिवार का जिकोपार्जन कर रहे मछुवारे आक्रोसित है । मछुवारा समाज के अंतर्गत (ढीमर, (धीवर),निषाद,भोई , कहार, मल्लाह, नाविक , बिन्द,) नई मछुवा नीति में जाति स्पष्ट नहीं किया गया है। मटियारा ने कहा है की पूर्व में जो मछुवा नीति थी वही यथावत रहे नहीं तो मछुवारा समाज सड़क की लड़ाई भी लड़ने को तैयार है ।