BIG BREAKING: इन राज्यों ने दिया BJP को सबसे बड़ा झटका, क्यों पूरा नहीं कर सकी ‘400 पार’ का नारा
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो गए हैं. बीजेपी इस बार अकेले 250 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई है. इस बार के चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश, बंगाल, राजस्थान और हरियाणा में हुआ है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी 62 से गिरकर 35 पर आ गई, जो 2009 के बाद से उसका सबसे खराब प्रदर्शन था. महाराष्ट्र में पार्टी 23 से फिसलकर 12 पर आ गई और बंगाल में यह 18 से घटकर 10 हो गया. कुल मिलाकर, बीजेपी ने प्रस्तावित 170 सीटों में से केवल 57 सीटें जीतीं, जो कि 2019 की 103 सीटों का लगभग आधा है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने यूपी में 36, महाराष्ट्र में 19 और बंगाल में 10 सीटें जीतीं, जोकि कुल मिलाकर 65 है. ये आंकड़ा 2019 में गठबंधन द्वारा जीती गई 123 सीटों में से लगभग आधा है. इसके उलट इन राज्यों में INDIA की सीटों की संख्या 2019 में 42 से बढ़कर 2024 में 100 हो गईं.
भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में, एसपी-कांग्रेस गठबंधन ने 15 सालों में अपना सर्वश्रेष्ठ परिणाम देकर NDA को चौंका दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के पारंपरिक यादव और मुस्लिम समुदायों से परे जाति आधार का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति दोनों के छोटे समूहों से नेताओं के एक बड़े समूह को नामांकित किया.
अपने जाति गठबंधन को व्यापक बनाने के लिए सपा के दृष्टिकोण ने भारी लाभ उठाया क्योंकि इसने पूर्वी यूपी के पुराने मंडल खेल के मैदान में BJP के गढ़ को ध्वस्त कर दिया और महत्वपूर्ण सीटें हासिल कीं. चुनावी प्रचार के दौरान सपा और कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह सत्ता में आने के बाद मुसलमानों को आरक्षण दे देगा.
महाराष्ट्र में, जिसने पिछले तीन वर्षों में दो क्षेत्रीय शक्तियों को विभाजित होते देखा है. यहां छह प्रमुख दलों के मैदान में होने के कारण चुनाव काफी जटिल थे. चूंकि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद से कोई चुनाव नहीं हुआ था, इसलिए 2024 की लोकसभा की कवायद भी एक जनमत संग्रह थी कि शिवसेना या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कौन सा गुट माता-पिता की विरासत को प्राप्त करेगा.
पश्चिम बंगाल के एग्जिट पोल की तस्वीर वास्तविकता से बिल्कुल अलग रही. बीजेपी ने राज्य में टीएमसी को हराने के लिए सभी प्रयास किए थे. हालांकि, जनता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ही भरोसा जताया. नतीजों से पता चला कि टीएमसी ने न केवल दक्षिण बंगाल में अपना गढ़ बरकरार रखा, बल्कि जंगलमहल और उत्तरी बंगाल के पश्चिमी क्षेत्रों में भी बीजेपी को नुकसान पहुंचाया. भाजपा अपने राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार की सीट बालुरघाट जैसी सीटों पर भी करीबी मुकाबले में फंसी रही और केंद्रीय राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक की सीट कूचबिहार हार गई. बनर्जी के करिश्मे ने उन्हें 2021 की विधानसभा जीत को दोहराने और 2019 के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद की.