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DURG BREAKING:धनोरा में आज से श्रीराम कथा एवं मारुति यज्ञ का आरंभ

 

बाबा दरबार पावन धाम धनोरा दुर्ग एवं समस्त ग्राम वासी भक्तों की सहयोग से आज से श्रीराम कथा एवं मारुति यज्ञ का शुभारंभ सुबह 9 बजे से विद्वान पंडितो के द्वारा मंत्रों के साथ वेदी पुजा पाठ यज्ञ शाला का तत पश्चात् दोपहर 2 बजे से श्री खिलेश यादव जस सम्राट के मंडली द्वारा रोड सो भंजन कीर्तन के साथ कलश शोभायात्रा महावीर उद्यान से शुरू होकर बाजार चौक मेन गली शीतला तालाब पहुंच कर जल लेकर कर्मा मंदिर गौरा चौरा बंमलाई पारा गोल्डन चौक होते महावीर उद्यान कथा स्थल पहुंचेगा सभी भक्तों के हांथो में केशर ईया झंडा हांथो में लेकर जयसियाराम जय हनुमान जी के नारे लगाते साथ साथ चलेगा एवं श्री राम दरबार का पुरा झांकी के साथ फिर पुजा पाठ कर के बाल व्यास श्री तिलेन्द्र महराज जी के द्वारा रामकथा का शुभारंभ किया जाएगा अतः इस शोभायात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील है श्री लक्ष्मण बाबा जी ने कहा कि मानवता के कार्य ही सबसे बड़ा धर्म हर असफलता देती है जीवन में सीख प्रगति के रास्ते में कई बांधाए आती है।

उसमें पग पग पर व्यवधान और अवरोध बिछे होते हैं अवरोधोका ही दुसरा नाम असफलता है उनका सृजन इस लिए हुआं है कि मनुष्य अपनी निष्ठा एवं तत्परता का परिचय दे सके धैर्य और साहस के साथ निरंतर से प्रगति के पथ पर बढ़ता रहे बड़े प्रयासो से बीच बीच में सुधार एवं परिवर्तन भी आवश्यक होते हैं इन्हीं को असफलता कह सकते हैं हर असफलता से मनस्वी व्यक्ति सीखते हैं भुलो को सुधारने के लिए हिम्मत सुझ बुझ और तत्परता से काम करने की प्रेरणा देने के लिए ही समस्या आती है सफलता पूर्वक सफलता प्राप्त करने वालो की प्रतिभा उतनी नहीं निखरती जितनी कि असफलताओ से लड़ते हुए व्यवधानों को कुचलते हुए चलने वालो की सफलता का अपना उतना महत्व नहीं जितना उस मंजिल को पार करते हुए प्रतिभा का विकास करने का है सफलता की उपलब्धि क्षणिक प्रसन्नता देने के बाद विस्मृति के गर्त में जा गिरती है फिर उसका कोई महत्व नहीं रह जाता किन्तु उस प्रयास में जो श्रमशीलता जगाई गई थी जागरुकता विकसित की गई थी और धैर्य युक्त साहसिकता बढाई गई थी उससे उत्पन्न हुई प्रतिभा का लाभ चिरस्थाई ही बना रहेगा असफलता न तो लज्जा की बात है और न ही दुखी होने की क ई बार सुयोग्य और पुरुषार्थी व्यक्ति परिस्थिति वश असफल होते देखे हैं हर प्रयत्नशील को सफलता मिलेगी ही इसकी कोई गारंटी नहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाएं में जुटे हुए हैं दरबार के श्री नंद पंडा जी, विनोद कुमार साहू, गुलाब साहू, राजु यादव, झब्बू साहू, शिवचरण, सुखी राम साहू, मनसुखा साहू, गज्जू रायपुरिया, बबलू साहू, योगेश साहू, मुनना गंधर्व, दिनेश साहू, उमेश साहू, जीवराखन ठेकेदार कुंज लाल साहू, एमलाल देवांगन, ओमकार साहू, रुपलाल टेलर, मारियल साहू, गुमान टीकम साहू, हेमंत तेली, सुन्दर स्प्रे, सुनील कहार, चीन्टू साहू, भोलू साहू, वासुदेव सपरे, उपसरपंच मनोज पटेल, कल्याण देवांगन, डॉ धनेशवर साहू, प्रमोद सेन, संदीप सेन, कुणाल साहू, रोशन साहू, केदार मंडल, बाबू लाल साहू, श्रीमती बबीता साहू, ललीता यादव, सुनीता साहू, नीरा साहू, लक्ष्मी साहू, दुर्गा साहू, देवकी साहू, अंजू देवांगन, टीकेशवरी साहू, संगीता सपरे, देवश्री साहू, रेखा बाई पटेल, हितेश पटेल, कौशिलिया बाई सेन, आदि भकत गन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण जुटे हुए हैं यह जानकारी दरबार प्रति निधि चंद्र कांत कोसरे एवं मनोज पटेल जी ने दी

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