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इस बार भी ठगा रह गया छत्तीसगढ़ दुर्ग वन मंडल ,बेमेतरा जिले का गिद्धवा परसदा इस बार भी रामसर साइट में शमिल न हो पाना दुर्भाग्यजनक – डॉ पाणिग्राही

दुर्ग।। हमर चिरई हमर चिन्हारी । हमन करबों ओकर रखवारी ।। ये पहचान है गिद्धवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य की जहां के लोग पक्षियों से आत्मीय नाता जोड़कर वर्ष भर उनकी तथा वेटलैंड की रखवाली करते हैं । उपरोक्त उद्गार ब्यक्त करते हुए पर्यावरण ,वन्यप्रणी एवम जैव विविधता में रुचि रखने वाले डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने अत्यंत ही दुखित मन से कहा कि गिधवा परसदा क्षेत्र वासी ,पर्यावरण एवम पक्षी प्रेमी बहुत ही बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे कि इस बार जरूर अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट में शामिल होगा । लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगी। बिहार के नकटी एवम नागी 2 वेटलैंड रामसर साइट में शामिल हो गया ।वहीं छत्तीसगढ़ का गिधवा परसदा इस बार भी ठगा रह गय । उपरोक्त उदगार ब्यक्त करते हुए ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने कहा कि गिद्धवा परसदा में रामसर साइट में मान्यता प्राप्त करने लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय पात्रताएं विद्यमान है । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसके लिए कमेटी का गठन भी किया है । यह हमारे लिए दुर्भाग्य जनक है कि अभी तक हमारे छत्तीसगढ़ का एक भी वेटलैंड रामसर साइट में शमिल नहीं हो पाया है
हमारे पारिस्थितिकी के महत्वपूर्ण । प्रवासी पक्षियों का हर वर्ष हमारे देश में आना होता है जो पारिस्थितिकी में बहुत बड़ा योगदान है। हमारे देश में यूरोप ,मंगोलिया ,उत्तरी चीन ,दक्षिण रूस ,साइबेरिया ,उत्तरी अमेरिका ,आस्ट्रेलिया ,आफ्रीका ,इंडोनेशिया ,ईरान , म्यांमार ,थाईलैंड ,एवम अन्य देशों से 240 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं । बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजाति के पक्षी हर वर्ष गिद्धवा परसदा आते हैं ।इनका संरक्षण भी बहुत बहुत जरूरी है । गिद्धवा परसदा का भ्रमण कर इस कड़ी मे ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवम वन मंत्री केदार कश्यप से पुनः मांग की है कि दुर्ग वन मंडल अंतर्गत बेमेतरा जिले के गिद्धवा – परसदा बर्ड सेंचुरी को रामसर साइट में शामिल करें। ग्रीन केयर अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही एवम संस्था के डायरेक्टर अमूजूरी विश्वनाथ ने इस परिप्रेक्ष्य में गिद्धवा – परसदा का भ्रमण कर संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गिद्धवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य में वह सभी संभावनाएं मौजूद हैं जो रामसर साइट की अंतरराष्ट्रीय मापदंडों को भी पूरा करता है । वन विभाग द्वारा जनता के साथ हर वर्ष पक्षी उत्सव मनाया जाता है । 2 फरवरी को इस वर्ष भी पक्षी उत्सव का आयोजन किया गया है ।यहां की जनता भी पक्षी प्रेमी हैं। प्रवासी पक्षियों को अतिथि मानते है तथा इनका संरक्षण करते हैं । ग्रामवासी यह नारा भी बुलंद करते हैं
” हमर चिरई हमर चिन्हारी
हमन करबो ओकर रखवारी ।”
हमारी संस्था ग्रीन केयर सोसायटी के सदस्य अनेक बार यहां आकर जन जागरूकता किए हैं ।
डॉक्टर पाणिग्राही ने बताया कि हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में 11 वेटलैंड साइट चिन्हित किए गए हैं लेकिन अभी तक एक भी साइट रामसर साइट में शामिल नहीं हो सका है । यह अवसर है मापदंडों के अनुरूप गिद्धवा परसदा को रामसर साइट में शामिल करने के लिए दावा को पुनः प्रबलता के साथ प्रस्तुत करने का । कहीं न कहीं हम चूक रहे हैं । इस वर्ष विश्व वेटलैंड की थीम ” वेटलैंड एंड ह्यूमन वेलबीइंग ” है ।आइए थीम के अनुरूप जुड़कर हम वेटलैंड एवम मानव की बेहतरी के लिए कार्य करें ।

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