DURG BREAKING: गवली पारा में धूमधाम से हुआ होलिका दहन, महिलाओं ने की पूजा
Durg में होलिका पूजन व दहन का कार्यक्रम गुरूवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही चौराहों पर होलिका पूजन के लिए महिलाएं अपने बच्चों के साथ एकत्र हो गईं थीं। इस दौरान ढोल की थाप पर भी झूमते लोग दिखाई दिए। देर रात तक सभी एक-दूसरे को गले मिलकर होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते दिखाई दिए।
पकवान व गुलाल चढ़ाकर मांगा बच्चों की लंबी उम्र व सुख शांति का वरदान
बता दें कि होलिका की परिक्रमा करने के लिए महिलाएं थाली में पकवान, गुलाल, कलावा, गेंहू की बालियां व गाय के उपले की माला लेकर आईं थीं। इस दौरान महिलाओं ने अपने बच्चों की लंबी उम्र व हर विपत्ति से बचाव के लिए मां होलिका की परिक्रमा कर कलावा बांधा। इसके बाद महिलाओं ने पकवान, गुलाल व दक्षिणा सहित गाय के उपलों की माला को होलिका में समर्पित किया। बच्चों को टॉफी, ड्राईफ्रूटस, बिस्किट, चॉकलेट और मिश्री की माला पहनाई। लोगों ने ढोल की थाप जमकर नाच किया और बांके बिहारी लाल के जयकारे लगाए। इस दौरान गेंहू की बालियों को भी भूना गया ताकि घर में सुख-समृद्धि व शांति हो सके।
क्या है होलिका दहन से जुड़ी कथा
होलिका दहन के दिन ही असुर राज हिरण्यकश्यपु का ज्येष्ठ पुत्र प्रहलाद जोकि विष्णु भक्त होने की वजह से पिता को अप्रिय था। उसे मारने के लिए हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया था, जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था। लेकिन जैसे ही होलिका प्रहलाद को लेकर जैसे ही चिता पर बैठती है, वैसे ही होलिका जलने लगती है और श्रीहरि की कृपा स्वरूप प्रहलाद बच जाते हैं। इसे भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक के रूप में हिंदू मनाते हैं।