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CG BREAKING: छत्तीसगढ़ में गाड़ियों पर रखकर DJ बजाने पर रोक:पर्यावरण विभाग ने कलेक्टर-SP को लिखा पत्र

रायपुर।पर्यावरण विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर साउंड पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए आदेश जारी किया है।


छत्तीसगढ़ आवास एवं पर्यावरण विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर साउंड पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए आदेश जारी किया है। यह आदेश विशेष सचिव देवेंद्र सिंह भारद्वाज ने जारी किया है। आदेश के मुताबिक गाडियों पर डीजे बॉक्स रखकर बजाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वहीं अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण के मामले में शिकायत से पहले संज्ञान लेकर कार्रवाई करने और राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया है। साथ ही निर्देश है कि अधिकारी शिकायत का इंतजार न करें, बल्कि खुद जाकर कार्रवाई करें।
आदेश में कहा गया है कि कलेक्टर और एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स न बजे। वाहन में साउंड बॉक्स मिलने पर जब्त किया जाए। जब्त साउंड बॉक्स को मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के बाद ही छोड़ा जाना है। वहीं बार-बार पकड़े जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश बिना वाहन को कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। नियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर अवमानना की कार्रवाई होगी।

 


आदेश में बताया गया है कि हाईकोर्ट ने कहा है कि जब भी शादियां, जन्मदिन, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित गाइड लाइन से अधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारी जाएं तो लोगों की भावना की कद्र करते हुए नम्रता के साथ हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को कहें।अगर आयोजक विरोध करता है तो उसके विरूद्ध कोर्ट में कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारी आयोजक के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर करें। अगर ध्वनि प्रदूषण यंत्र, टेंट हाउस, साउंड सिस्टम देने वाले या डीजे वाले का सामान सीधे जब्त किया जाएगा।

प्रेशर हॉर्न पर भी होगा बड़ा एक्शन

गाड़ियों में प्रेशर हॉर्न और मल्टी टोन्ड हॉर्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी (कलेक्टर, एसपी एसडीएम आरटीओ और डीएसपी) तत्काल ही उसे वाहन से निकालकर नष्ट करें। उनकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करें। साथ ही गाड़ी के नंबर के साथ मालिक और चालक का डाटा बेस रखें। दोबारा अपराध करने पर वाहन जब्त किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बिना जब्त गाड़ी को नहीं छोड़ा जाए।

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