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Delhi Election : 23 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की जीत, आप को नहीं मिला बहुमत, कौन होगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री…..

दिल्ली /दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा को बहुमत मिल गया है। जंगपुरा सीट से आप के मनीष सिसोदिया हार गए हैं। नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को भी हार मिली है। सीएम आतिशी जीत गई हैं।

पार्टी ने 36 सीटों का बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है।

भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर 48 सीटों पर बढ़त बनाई, जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उसे एक भी सीट नहीं मिली। भाजपा की इस जीत के साथ दिल्ली में सत्ता परिवर्तन तय हो गया है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अपनी सीटें तक नहीं बचा सके। इस जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। दिल्ली में यह नतीजे राजनीति की नई दिशा तय कर सकते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं की तारीफ भी की। पीएम मोदी ने एक दूसरे सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मुझे इस जीत में भूमिका निभाने वाले हर एक बीजेपी कार्यकर्ता पर गर्व है। इन कार्यकर्ताओं की मेहनत की बदौलत ही यह शानदार जीत मिली है। हम दिल्ली के विकास के लिए और तेजी से काम करेंगे।

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हार मिली है। अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट से 4,089 वोटों से हार गए हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए। आप सरकार पर भ्रष्टाचार, गंदे पानी, यमुना की बदहाल स्थिति, टूटी सड़कों और खुले शराब ठेकों जैसे मुद्दों को लेकर जनता में गुस्सा था। केजरीवाल की हार पर भाजपा ने कहा कि जनता को झूठे वादों से गुमराह नहीं किया जा सकता। आम आदमी पार्टी को अब दिल्ली में अपनी साख बचाने की चुनौती का सामना करना होगा।

नई दिल्ली सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को हराने के बाद कहा कि हमें दिल्ली में कई काम करने हैं। हमारी प्राथमिकता दिल्ली में प्रदूषण कम करना, ट्रैफिक समस्या सुलझाना और भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाना होगा। मैंने दिल्ली की स्थिति देखी है। यहां पर सड़कों और सीवर की समस्या है। इन सभी कामों को करना हमारे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह नकार दी गई। पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जो उसके लिए बड़ा झटका है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की कमजोरी का सीधा फायदा भाजपा को मिला। दिल्ली के मतदाताओं ने आप और कांग्रेस को पूरी तरह नकारते हुए भाजपा पर भरोसा जताया। भाजपा अब डबल इंजन सरकार के जरिए दिल्ली को नई दिशा देने की बात कर रही है। आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

 

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