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CG BREAKING: थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक ने किया सस्पेंड, TI ने पत्रकारों को फंसाने वाहन में रखवाया था गांजा

सुकमा जिले के कोटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बस्तर संभाग के चार पत्रकारों को षडयंत्र पूर्वक गंज मामले में फसाए जाने की शिकायत के बाद सुकमा एसपी किरण चौहान ने बड़ी कार्यवाही की है इस मामले पर संलिप्त कोण्टा के पूर्व टीआई को निलंबित करने का आदेश जारी करते हुए निरीक्षक अजय सोनकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। इस मामले पर सुकमा एसपी किरण चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि पत्रकारों से इस मामले पर लिखित शिकायत मिली थी कि कोण्टा के थाना प्रभारी पत्रकारों को गांजा मामले में फसाने के षड्यंत्र में शामिल है इस मामले पर टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए थे जिसमें निरीक्षक द्वारा कोण्टा के होटल से सीसीटीवी डीवीआर निकालकर फुटेज डिलीट करने की बात सामने आई । मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी को न्यायालय में पेश किया गया है जिसके बाद निरीक्षक अजय सोनकर को जेल दाखिल कराया जाएगा ।
ये है पूरा मामला 
बता दें कि कोटा में बड़ी मात्रा में रेत का भंडारण किया गया है और यह रेट अवैध रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की ओर जाना था बड़ी मात्रा में रेत जा भी चुका है लेकिन रेत की माफिया गिरी पर लगाम लगाने के लिए कुछ पत्रकार कोण्टा पहुंचे हुए थे जिन्हें साजिश के तहत फसाया गया और उनकी गाड़ी में गांजा रखा गया । पत्रकार बप्पी राय के भाई का कहना है की गाड़ी की डिक्की का लॉक तोड़ा गया और उसमें गांजा रखा गया इसके बाद सुनियोजित तरीके से आंध्र प्रदेश पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई कि कुछ लोग वहां में गांजा लेकर चिंतूर की ओर जा रहे हैं ।

जिला सुकमा के पत्रकार श्री राजेन्द्र पीसा एवं अन्य पत्रकार साथीगण द्वारा पुलिस अधीक्षक सुकमा को प्रेषित किये गये ज्ञापन की प्रारंभीक जांच के प्रकाश में आई तथ्यों के आधार पर तत्कालिन थाना प्रभारी कोन्टा अजय सोनकर द्वारा अनाधिकृत रूप से आर.एस.एन.लॉज कोन्टा की सीसीटीव्ही फुटेज़ डीव्हीआर को अपने कब्जे में लेने के विधि विरूद्ध कृत्य के संदर्भ में उनके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 324, 331 (2) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही के दौरान निरीक्षक अजय सोनकर को गिरफ्तार की जाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल की जा रही है। निरीक्षक अजय सोनकर द्वारा की गई अपराधिक कृत्यों एवं संदिग्ध आचरण हेतु इन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित की जाकर विभागीय जांच की कार्यवाही की जा रही है।

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