BIG BREAKING: नीतीश कुमार की फिर ताजपोशी, नौवीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
पटना । बिहार में नीतीश कुमार की फिर ताजपोशी हो गई है। राजभवन के राजेंद्र मंडप में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन गया, जिसमें नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है। इसके अलावा दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं। सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी बिहार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
इससे पहले नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंचकर फिर से सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनके साथ भाजपा के नेता और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के नेता भी शामिल हैं।
नीतीश कुमार रविवार को एकबार फिर राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया और भाजपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंप दिया।
इसके बाद माना जा रहा है कि रविवार की शाम शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमे नीतीश नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे।
भाजपा कोटे से दो लोगों को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
इससे पहले, नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद महागठबंधन की सरकार समाप्त हो गई। इससे पूर्व एनडीए विधानमंडल दल की बैठक हुई जिसमे नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया।
इस बीच, भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को भाजपा विधायक दल के नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता चुना गया।
नीतीश कुमार ने कब-कब मारी पलटी
पहली बार 1994 में बदला पाला
नीतीश कुमार के अभी तक के सियासी सफर की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1974 में छात्र राजनीति के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री करने वाले नीतीश कुमार अभी तक कुल पांच पाला बदल चुके हैं। पहली बार नीतीश कुमार ने साल 1994 में पाला बदला था, तब वे जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।
1996 में दूसरी बार मारी पलटी
इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और NDA के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पलटी मारी। नीतीश कुमार का एनडीए के साथ यह सफर साल 2010 तक चला। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री फेस के रूप में आगे बढ़ाया गया तो नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस दौरान नीतीश कुमार को दो सीटों पर जीत मिली थी।
महागठबंधन के साथ लड़ा 2015 का चुनाव
इसके ठीक एक साल बाद ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। साल 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा और जीत भी हासिल की।
2022 में पांचवीं बार मारी पलटी
साल 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए। साल 2022 के बाद से अभी तक नीतीश महागठबंधन के साथ रहे, मगर अब नीतीश कुमार पाला बदलकर एनडीए में शामिल होने गए हैं।