CG BREAKING: अभिषेक मिश्रा हत्याकांड: हाईकोर्ट ने दो आरोपी को दोषमुक्त करार दिया
Bhilai: गौरतलब है कि 10 नवंबर 2015 की शाम शंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ था और उसके बाद हत्या कर दी गई थी। हाईप्रोफाइल इस मामले में पूरे देश के करीब एक करोड़ मोबाइल फोन के डिटेल खंगालने के बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर-10 निवासी विकास जैन के ऊपर टिक गई थी। घटना के करीब 45 दिन बाद किम्सी के चाचा अजीत सिंह के स्मृति नगर निवास के बगीचे में अभिषेक की सड़ी-गली लाश बरामद हुई।
अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के दो अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया गया है। जिला न्यायालय ने 10 मई 2021 को आरोपियों विकास जैन और अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं, एक अन्य आरोपी विकास जैन की पत्नी किम्सी जैन को दोषमुक्त कर दिया था।
जिला न्यायालय ने इस मामले में 10 मई 2021 को फैसला सुनाया था। जिला न्यायालय के फैसले को दोनों आरोपितों ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में चुनौती थी। उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं रविद्र कुमार अग्रवाल ने की। आरोपितों की ओर से उच्च न्यायालय में प्रकरण की पैरवी करने वाली अधिवक्ता उमा भारती साहू ने बताया कि यह पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर टिका हुआ था।
अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया। जिसका लाभ आरोपितों को मिला। वहीं अभिषेक मिश्रा के पिता आइपी मिश्रा ने किम्सी जैन की रिहाई को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। किम्सी के मामले में उच्च न्यायालय ने जिला न्यायालय के फैसले को उचित ठहराते हुए आइपी मिश्रा के आवेदन को खारिज कर दिया।