रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान, छठवां दिन: 18 राज्यों के 50 वाद्ययंत्रों से सुनाई देगी मंगल ध्वनि, भव्य राम मंदिर की फोटो देखें …
रविवार को सबसे पहले स्थापित देवताओं की पूजा होगी। इसके बाद हवन, पारायण, आदि अनुष्ठान होंगे। सुबह मध्वाधिवास हुआ। वहीं, रामलला की मूर्ति को 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नान कराया जाएगा। महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास, तत्लन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक पौष्टिक अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण, सायं पूजन एवं आरती से अनुष्ठान पूरे हो जाएंगे।
इससे पहले शनिवार को मंडप में नित्य पूजन, हवन, पारायण आदि अनुष्ठान भव्यता से पूर्ण हुए। सुबह भगवान का शर्कराधिवास, फलाधिवास हुआ। इसके बाद मंदिर में 81 कलशों की स्थापना एवं पूजा हुई। 81 कलशों से प्रासाद का स्नपन मन्त्रों से भव्य रूप में सम्पन्न हुआ। प्रासाद अधिवासन, पिण्डिका अधिवासन, पुष्पाधिवास भी दिव्य हुआ। सायं पूजन एवं आरती हुई।
18 राज्यों के वाद्य यंत्रों से निकलेगी मंगल ध्वनि
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुबह 10 बजे से मंगल ध्वनि की गूंज सुनाई देगी। 18 राज्यों से 50 से अधिक वाद्ययंत्र लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे। अयोध्या के यतींद्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के संयोजक हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक है, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करता है।