दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्विद्यालय, दुर्ग में मिल रहा भागवान गणपति जी की गोबर से निर्मित प्रतिमा…….देखें PHOTO
शिवनाथ संवाद।। दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्विद्यालय, दुर्ग के तत्वावधान में इस वर्ष से भागवान गणपति जी की विशुद्ध गोबर से निर्मित प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है । इस प्रतिमा की विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से किसी भी रासायनिक पदार्थों से रहित है ।
विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कामधेनू पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा विश्विद्यालय के माननीय कुलपति जी डॉ एन पी दक्षिणकर के मार्गदर्शन में यह कार्य सम्पन्न किया । इस मूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर इसका परीक्षण किया गया और फिर इसे जनसामान्य के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया । इस मूर्ति की निम्न विशेषता है
1 यह पूर्ण रूप से शुद्ध देशी गाय के गोबर से निर्मित है।
2 यह रासायनिक पदार्थो से मुक्त है ।
3 यह पर्यावरण हितैषी(Eco friendly) है ।
4 इस मूर्ति का विसर्जन आप अपने घर के ही किसी टब या बाल्टी में रख देने से एक घंटे से भी कम समय मे पूर्ण रूप से घुल जाती है , जिसके बाद आप इस पानी को आप अपने घर से पौधों को सिंचित कर सकते है । चूंकि यह पूर्णतः रासायनिक पदार्थों से मुक्त है इसलिए आपके पौधों को किसी भी प्रकार से नुकसान नही पहुँचाती है ।
इन विशेषताओं के अतिरिक्त और भी बहुत सी विशेषताओं से सुसज्जित होने की अनुपम कृति है जिसका धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है। कामधेनु विश्वविद्यालय परिवार इस अनुसंधान से काफी प्रफ्फुलित है और आगामी भविष्य में माननीय कुलपति जी के निर्देशन में इस प्रकार के सामाजिक कार्यों के अनुसंधान को क्रियान्वित करने के लिए प्रयास करते रहेगें।
कामधेनु पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ के एम कोले ने सतत रूप से पंचगव्य के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करने के लिए उत्साहित रहते है और इस अनुसंधान से काफी आशान्वित है । संस्थान के डॉ राकेश मिश्र को माननीय कुलपति जी ने एक टीम का गठन कर इस कार्य को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी और कुलपति जी के आशा के अनुरूप यह कार्यसिद्धि सम्पन्न हो पायी । इस सम्बंध ज्यादा जानकारी के संस्थान के निदेशक और डॉ राकेश मिश्र से प्राप्त कर सकते है ।
निर्मित प्रतिमाओं की उपलब्धता विश्वविद्यालय परिषर में स्थित कामधेनु पंचगव्य केंद्र में दिनांक 25/08/2022 को दोपहर 12 बजे से रहेगी ,जिसमे आप आकर गणेश भगवान जी की प्रतिमाओं को अपने घर ले जा सकते है ।