Uncategorizedछत्तीसगढ़लेटेस्ट अपडेट

छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में भूत करते है शिव की साधना, पत्थरो को जोड़ कर बना यह शिव मंदिर

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कई ऐसी ऐतिहासिक जगह हैं, जहां भगवान श्री राम द्वारा ऐसे अद्भुत मंदिर का निर्माण हुआ है। 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम का जब छत्तीसगढ़ में प्रवेश हुआ था तो उन्होंने घाघरा में शिव मंदिर की स्थापना की थी। भगवान राम ने पत्थरों से मंदिर बनाकर वहां पर शिवलिंग की स्थापना की और शिव की आराधना की थी। यह प्राचीन शिव मंदिर राम वन गमन पथ सीतामढ़ी हरचौका से 40 किलोमीटर दूर है। यहां गांव वालों की मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ 1 रात और 2 दिन यहां आकर रुके थे और उनके द्वारा ही यहां पर तीन शिवलिंग की स्थापना की गई थी। आस्था के कारण पूरे साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।

इन मंदिरों में सीमेंट और रेत की आवश्यकता नहीं पड़ी, सिर्फ पत्थरों से ही पुरे मंदिर को खड़ा कर दिया गया और वहां एक छोटे शिवलिंग की स्थापना की गई। आज गांव वाले इस मंदिर को अपने इष्ट देवता मानकर पूजा पाठ करते हैं। घाघरा के ही पुजारी श्री रामचंद्र शरण जी महाराज का कहना है कि यह मंदिर भगवान शिव भूतनाथ, जो हमारे भूतनाथ होते हैं, उनके जो गढ़ होते हैं, भूतों के भी साधना होती है। इंसानों को भी साधना होती है, जीव-निर्जीव सब हमारे भगवान शिव की आराधना करते हैं, भूत भी साधना करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर का निर्माण घाघरा के भूमि में किया जो कि एक रात में भूतों के महादेव के गढ़ भूतों के द्वारा यह मंदिर स्थापित है जो कि बिना सीमेंट, बिना मसाला के यह मंदिर स्थापित है। एक के ऊपर एक पत्थर लगे हुए हैं और मंदिर के अंदर एक छोटे से पत्थर को रख दिया गया है। उसे छोटे से पत्थर नहीं पूरे मंदिर को संभाल कर रखा है। इस मंदिर को भूतों के द्वारा तैयार किया गया है और इसलिए इस मंदिर को भूतनाथ कहा जाता है।

करीब 50 फीट ऊंचे इस मंदिर के निर्माण में बड़े-बड़े पत्थरों को एक के उपर एक रखकर बनाया गया है। यहीं नहीं मंदिर के हर पत्थर में कई कलाकृतियां और भगवान की प्रतिमाएं बनी हुई हैं। साथ ही मंदिर के अंदर शिवलिंग स्थापित है। भगवान श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण वनवास के दौरान इसी रास्ते से गुजरे थे। हालांकि सन 1858 में भूकंप आने के कारण मंदिर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। मंदिर के आस-पास कई बड़े पत्थरों में गणेश व चक्र समेत कई तरह की धार्मिक कलाकृतियां उकेरी गई हैं,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *