CG BREAKING: महतारी वंदन योजना के हितग्राही 5 मार्च तक अपने खाते को डी.बी.टी. करवायें,महतारी वंदन योजना के लिए DBT वाला बैंक खाता क्या है जानिए ?
भिलाईनगर। महतारी वंदन योजना का लाभ लेने वाले आवेदिकाओं के खाते को डी.बी.टी (प्रत्यक्ष लाभ भुगतान) से जोड़ने के लिए अवकाश दिवस रविवार को बैंको को खुला रखने का आदेश जारी कर कलेक्टर ऋृचा प्रकाश चौधरी ने हितग्राहियो को बड़ी राहत प्रदान की है।
कलेक्टर ने प्रबंधक अग्रणी बैंक दुर्ग के नाम पर पत्र जारी कर निर्देशित किये है कि छत्तीसगढ़ शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा रही है। इस योजना के तहत 21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाएं (तलाकशुदा/परित्यक्ता भी शामिल) को प्रतिमाह राशि 1000 उनके आधार लिंक बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जाना है। जिले में बैंक खातो को आधार लिंक करने हेतु 59420 का लक्ष्य है, जिसमें से जिले के अधिकांश महिलाओ का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं हुआ है। उक्त कार्य समय सीमा में 5 मार्च तक पूर्ण किया जाना है। इस हेतु अवकाश दिवस रविवार को अर्थात 3 मार्च को महिलाएं बैंक में उपस्थित होकर अपना खाता आधार लिंक व डी.बी.टी. सक्रिय करवा सकते है। बैंक में रविवार को सिर्फ महतारी वंदन योजना के कार्य ही स्वीकार होंगे । इसके अलावा बैंकर्स प्रत्येक बैंक मे 2 से 5 मार्च तक महतारी वंदन योजना के आधार लिंक एवं डी.बी.टी क्रियान्वयन के लिए विशेष काउन्टर की सुविधा भी उपलब्ध करायेगे।
भिलाई निगम आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने जानकारी देते हुए बताया कि भिलाई निगम क्षेत्र में संचालित 148 आंगनबाड़ी केन्द्रो में उन हितग्राहियो की सूची उपलब्ध कराई गई है जिन्होने महतारी वंदन योजना के साथ जो बैंक खाते संलग्न किये है वे आधार लिंक एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्राॅसफर (डी.बी.टी.) से जुड़े नही है। आवेदिका अपने निकट के आंगनबाड़ी केन्द्रो में जाकर सूची का अवलोकन भी कर सकते है। हितग्राही अपने बैंक खाते को प्रत्यक्ष लाभ भुगतान यानि डी.बी.टी. 5 मार्च तक अवश्य करवा लेवें।
DBT का अर्थ डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) होता है , हिन्दी में इसे प्रत्यक्ष लाभ भुगतान भी कह सकतें हैं। सरकार द्वारा अनेक योजनाओं में लाभार्थियों को अब डीबीटी (DBT) के माध्यम से ही भुगतान किया जाता है यह त्वरित भी है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है ।
मतलब बिना खाते नंबर का लाभार्थी के खाते में सफलतापूर्वक पैसे भेजना। अधिकतर देखा गया है कि लोगों के आधार कार्ड और बैंक पासबुक में नाम अलग- अलग रहता है, किसी के नाम के स्पेलिंग गलत तो किसी का सरनेम गलत। इस गलती के कारण लोगों के बैंक KYC नहीं हो पाता। KYC का मतलब बैंक पासबुक में आधार लिंक होना। बैंक खाते में kyc तभी होता है जब आधार कार्ड और बैंक पासबुक में एक जैसा नाम हो, किसी भी प्रकार की त्रुटी ना हो।
जब किसी योजना अंतर्गत फॉर्म भरा जाता है, भरने के दौरान भी गलती से खाता नंबर या ifsc code या बैंक का नाम इत्यादि गलती से गलत भरा जाता है। इसके कारण भी सरकार द्वारा भेजे गए पैसे अधिकांश लाभार्थियों के खाते में नहीं पहुच पाता था। पैसे नहीं मिलने के कारण से लोग इधर-उधर पैसे प्राप्त करने भटकते थे।
महतारी वंदन योजना के लिए DBT वाला बैंक खाता क्या है जानिए ?
DBT का पूरा नाम डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर है। इसका मतलब जो बैंक खाता आपके आधार कार्ड से लिंक है उसमें शासन के योजनाओं का लाभ बिना खाता नंबर, बैंक के नाम, ifsc कोड के भेजना ही DBT कहलाता है। इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि बहुत से हितग्राहियों के ऑनलाइन फॉर्म भरते समय गलती से नाम, बैंक का नाम, खाता नंबर, ifsc कोड इत्यादि गलत एंट्री हो जाता है, जिसके फलस्वरूप शासन द्वारा दिए जाने वाले लाभ की राशि उनके बैंक खाते में नहीं पहुंच पाता है।
चूंकि किसी भी हितग्राही का आधार नंबर एक ही होता है, कभी भी किसी 2 हितग्राहियों का आधार नंबर एक जैसे नहीं हो सकता, इसलिए हितग्राहियों के आधार नंबर से जुड़े हुए बैंक खाते में पैसे भेजने से 100 % सही किसान के खाते में पैसे चला जाता है।
महतारी वंदन योजना के लिए बैंक खाते में DBT कैसे शुरू कराएं ?
इसके लिए आपको अपने कोई भी एक बैंक में संपर्क करना चाहिए, जहां से आप अधिक लें दें करतें हो। कोई भी कंप्युटर दुकान से dbt शुरू करने वाले फॉर्म मिल जाता है, या सादे कागज में भी बैंक मैनेजर को पत्र लिख सकतें हैं। साथ में आपका बैंक पासबुक का छायाप्रति एवं आधार कार्ड का छायाप्रति लगाना अनिवार्य है। फॉर्म जमा करने के बाद बैंक के द्वारा आपके खाते में dbt शुरू कर दिया जाता है।