BIG BREAKING:ASI रिपोर्ट के अनुसार, ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगहें मिलीं, जहां पुराने मंदिर होने के साक्ष्य मिले
ज्ञानवापी में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के सर्वे में हिंदू मंदिर होने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। अदालत के आदेश पर गुरुवार को सभी पक्षकारों को 839 पन्नों की रिपोर्ट की प्रिंट कापी सौंप दी गई। मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि एएसआइ सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में कई शिलालेख देखे गए। रिपोर्ट में सर्वेक्षण के दौरान कुल 34 शिलालेखों के मिलने की बात कही गई है। बताया गया है कि पहले से मौजूद हिंदू मंदिरों के पत्थरों पर ये शिलालेख हैं, जिनका मौजूदा ढांचे के निर्माण और मरम्मत के दौरान दोबारा उपयोग किया गया है। इनमें देवनागरी, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों के शिलालेख भी शामिल हैं। संरचना में पहले के शिलालेखों के पुन: उपयोग से पता चलता है कि पहले की संरचनाओं को नष्ट कर दिया गया था और उनके हिस्सों को मौजूदा संरचना के निर्माण में फिर से उपयोग किया गया। इन शिलालेखों में देवताओं के तीन नाम जैसे जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर पाए गए हैं। देवनागरी, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों के शिलालेख भी मिले हैं।
पानी की टंकी में शिवलिंग की आकृति मिली
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वह ज्ञानवापी की पानी की टंकी (वुजूखाना) का भी एएसआइ सर्वे कराने की अदालत से मांग करेंगे। पानी की टंकी अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील है। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान पानी की टंकी में शिवलिंग की आकृति मिली थी। मंदिर पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है जबकि मस्जिद पक्ष उसे फव्वारा बताता है।
सर्वे रिपोर्ट की 10 बड़ी बातें
1. मस्जिद से पहले वहां बने मंदिर में बड़ा केंद्रीय कक्ष और उत्तर की ओर छोटा कक्ष था।
2.17वीं शताब्दी में मंदिर को तोड़कर उसके हिस्से को मस्जिद में समाहित किया गया।
3. मस्जिद के निर्माण में मंदिर के खंभों के साथ ही अन्य हिस्सों का बिना ज्यादा बदलाव किए इस्तेमाल किया गया।
9. मस्जिद के कई हिस्से में मंदिर के स्ट्रक्चर मिले हैं।
10. मस्जिद के निर्माण संबंधी एक शिलापट पर अंकित समय को मिटाने का प्रयास किया गया है।