Trending NewsUncategorizedदुर्ग-भिलाई ब्रेकिंगलेटेस्ट अपडेट

500 से अधिक लोगो ने कराया अपना प्रकृति परीक्षण, सीखी स्वस्थ जीवनशैली के रहस्य

भिलाई: आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” के अंतर्गत भिलाई के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का सफल संचालन आयुर-सानिध्य क्लीनिकल एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसमें 500 से अधिक संस्था के भाई बहनों ने प्रकृति परीक्षण करवाया और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए आवश्यक सुझाव प्राप्त किए।

इस शिविर में आयुर्वेद के चिकित्सकों और छात्रों ने सहभागिता की और नागरिकों को उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार आहार और दिनचर्या का महत्व बताया। ब्रह्माकुमारी भिलाई संस्थान की प्रमुख आदरणीय ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने इस अभियान का स्वागत करते हुए इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया। संस्था की वरिष्ठ सदस्य ब्रह्माकुमारी प्राची दीदी ने स्वयं प्रकृति परीक्षण करवाकर इस प्रक्रिया की गहराई को समझा और सभी को इसे अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।

बीमारियों की जड़ अनियमित जीवनशैली:
फाउंडेशन से जुड़े आयुर्वेद छात्रों ने बताया कि आज 90% बीमारियों की जड़ असंतुलित आहार और अनियमित दिनचर्या है। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख करते हुए छात्र प्रशांत ने कहा कि यदि व्यक्ति अपनी प्रकृति को समझकर उसके अनुरूप आहार-विहार का पालन करे, तो वह न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है, बल्कि दीर्घायु का भी लाभ उठा सकता है।

“संस्था के भाई बहनो ने साझा किए अनुभव:”

प्रकृति परीक्षण कराने वाले लोगो ने कहा कि परीक्षण के दौरान पूछे गए प्रश्न सरल लेकिन प्रभावी थे। इन प्रश्नों ने उन्हें अपने दैनिक जीवन की आदतों पर पुनर्विचार करने को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार ऋतुचर्या और आहार-विहार का पालन करने से न केवल रोगों से बचा जा सकता है, बल्कि पहले से मौजूद बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

“स्वास्थ्य के लिए अपनाएं आयुर्वेद:”

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने संस्था के भाई बहनों को अपनी प्रकृति के अनुसार जीवनशैली अपनाने और अपने सभी परिवार के सदस्यों को नजदीकी आयुर्वेद केंद्र पर प्रकृति परीक्षण कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत की यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति न केवल रोगों से बचाव करती है, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य और दीर्घायु का आधार है।

“संपर्क करें और बनें स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा:”

इस शिविर के माध्यम से आयुर-सानिध्य फाउंडेशन ने लोगों को आयुर्वेद के महत्व से परिचित कराते हुए उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित किया। फाउंडेशन ने नागरिकों से अपील की है कि वे आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाएं और अपना प्रकृति परीक्षण कराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *