दुर्ग को मिली एक और उपलब्धि : दुर्ग शहर बना ओडीएफ प्लस-प्लस…..60 वार्डों में घर-घर शौचालय बनाए जाने में दुर्ग निगम अव्वल…….
शिवनाथ संवाद दुर्ग/ 17 अगस्त! नगर निगम दुर्ग को एक और उपलब्धि मिली है। शहर ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा केंद्र सरकार की स्वतंत्र एजेंसी के निरीक्षण के दौरान मिला है।खुले में शौच को बंद करने तथा सार्वजनिक स्थल सहित निगम क्षेत्र अंतर्गत सभी 60 वार्डों में घर-घर शौचालय बनाए जाने में दुर्ग निगम अव्वल रहा है। इसी का परिणाम है कि ओडीएफ प्लस-प्लस शहर बन पाया है।ओडीएफ प्लस-प्लस के कार्यों की जांच के लिए केंद्र सरकार की स्वतंत्र एजेंसी जे द्वारा दुर्ग क्षेत्र के हर कोने का निरीक्षण किया था। इसके लिए नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने सभी निगम के आयुक्तों और नगर पालिका व नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए ओडीएफ प्लस प्लस के कार्यों को गंभीरता से लेने को कहा था।इस कार्य में दुर्ग निगम के स्वास्थ्य विभाग के साथ ही उपअभियंताओ व निगम कर्मचारियों द्वारा ओडीएफ प्लस प्लस के कार्यों की निगरानी में काम किया था।स्वच्छता सर्वेक्षण की तरह ओडीएफ प्लस प्लस भी एक सर्वेक्षण है। दुर्ग निगम के सामुदायिक शौचालयों की जांच अलग अलग कैटेगरी में केंद्र सरकार की स्वतंत्र जांच एजेंसी ने किया था। इसके आधार पर दुर्ग नगर निगम को को रैंक मिला है। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त प्रकाश सर्वे ने कहा कि दुर्ग क्षेत्र वासियों के सहयोग से ही ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा मिल पाया है। महापौर व आयुक्त ने इसके लिए शहर वासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ये भी कहा कि दुर्ग निगम को ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा दिलाने में सभी का योगदान रहा है।इस सर्वेक्षण का उद्देश्य मुख्यता खुले में शौच को पूरी तरह से प्रतिबंध करना था। इस कार्य में नगर निगम ने सार्वजनिक सुलभ शौचालय एवं इस सर्वेक्षण का उद्देश्य घर घर शौचालय बनाकर खुले में शौच को बंद करवाया है।