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दुर्गाधाम पुरानी गंजमडी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव में झूम उठे धर्मप्रेमी

शिवनाथ संवाद।। दुर्गाधाम पुरानी गंजमडी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव बनाया गया, जिसमें हजारों की संख्या में धर्मप्रेमी देवी जी के द्वारा की जा रही जन्मोत्सव बधाई गीत में झूम उठे..
आज चौथे दिवस की कथा में देवी जी ने कहा कि यदि आप शास्त्रों द्वारा निर्देशित एवं आध्यात्मिक गुरु द्वारा प्रमाणित अपनी भक्तिमय सेवाओं एवं कर्तव्यों को धैर्यपूर्वक करते हैं तो निश्चिन्त रहिये आपकी सफलता निश्चित है ।
हमें धैर्य एवं उत्साहपूर्वक भक्ति करनी चाहिए । उत्साहात् निश्चयात् धैर्यात् तत्-तत् कर्म प्रवर्तनात्। हमें उत्साही होना चाहिए सुस्ती आपकी कोई सहायता नहीं करेगी । आपको बहुत उत्साही होना होगा ।
यदि आप उत्साही और धैर्यवान हैं और अब जब आपने भक्ति-मार्ग को अपना लिया है, तो सफलता निश्चित ही है ।
यही मार्ग है । उत्साहात् निश्चयात् धैर्यात् तत्-तत् कर्म प्रवर्तनात् । आपको कर्तव्य तो करने ही होंगे ।
सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत् कथा के चतुर्थ दिवस में पूज्या देवी चित्रलेखाजी ने सर्वप्रथम गजेन्द्र मोक्ष की कथा श्रवण कराते हुए बताया की किसी भी योनि का जीव भगवान को प्राप्त कर सकता है ।
जिस तरह गजेन्द्र नाम के हाथी को तालाब में स्नान कर रहा था तब ग्राह नामक हाथी ने उसका पाँव पकड़ लिया और सभी से मदद मांगने के बाद भी किसी ने मदद नहीं की तब गजेन्द्र ने भगवान् को खुद को समर्पित किया । और भगवान् ने गजेन्द्र की रक्षा की। इस प्रकार भगवान् को प्राप्त करने के लिए जीव योनि का कोई महत्त्व नहीं, उच्च योनि से लेकर निम्न योनि तक का कोई भी जीव भगवद् प्राप्ति कर सकता है।

कथा में आगे देवीजी ने समुद्र मंथन, के पश्चात देवीजी ने संक्षिप्त में प्रभु राम अवतार का श्रवण कराया।
कथा के विश्राम में कृष्ण जन्म की कथा को स्पर्श करते हुए बताया क़ि द्वापर युग में कंस जैसे दुष्ट पापी का अत्याचार बढ़ जाने पर प्रजा के आग्रह भगवान ने नटखट अवतार लिया और श्री बसुदेव जी भगवान कृष्ण को गोकुल ले कर गए वहां से यशोदा मैया को जन्मी योगमाया को अपने पास ले आये और कृष्ण को उनके पास रख के वापस आ गए ।
फिर कथा में सभी ने कृष्णा जन्मोत्सव का आनद लिया और कथा का विश्राम हुआ।
योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि जन्मोत्सव में छोटे से बालक को कृष्ण जी के रूप में सजाया गया, जिसको नन्द जी अपने सर में लेकर पूरे पंडाल में घूम-घूमकर सभी धर्मप्रेमियों को कृष्ण जी का दर्शन कराया गया, बधाई स्वरूप सभी धर्मप्रेमियों को खिलौना, मिठाई, चॉकलेट, बिस्किट, का वितरण किया गया, बधाई वितरण के साथ साथ देवी चित्रलेखा जी ने बधाई गीत गाया, जिसमें धर्मप्रेमी झूम उठे..
आयोजक परिवार के सुरेश अग्रवाल जी गिरधारी शर्मा, आर.एन तिवारी, प्रतीक अग्रवाल, सुयश शर्मा जो श्री कृष्ण जन्म में अलग अलग रूपों में सजकर धर्मप्रेमियों के बीच झूमते हुए सभी को बधाई वितरण किये..
आज की कथा में आर एन वर्मा (उपाध्यक्ष, राज्य पिछड़ा आयोग) कैलाश रुंगटा, विजय अग्रवाल, संजय रुंगटा, राधेश्याम अग्रवाल, ललित सेक्सरिया, मुरारी अग्रवाल, नत्थूलाल अग्रवाल, भोला महोबिया, श्याम शर्मा, किशोरीलाल सिंघानिया, कमल नारायण रुंगटा, मनोज मित्तल, कृष्णा अग्रवाल, प्रिंस कसेर, वाशु शर्मा, एवं हजारों धर्मप्रेमी उपस्थित थे..

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