वैश्विक रैंकिंग में सुधार बता रहा है विश्व मानचित्र पर कैसे लहरा रहा है भारत का परचम
केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं का शानदार परिणाम सामने आने लगा है। यही कारण है कि जलवायु सुरक्षा के मामले में भारत ने फिर से एक बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कॉप 27 में भारत दो स्थानों की छलांग लगाकर 8वीं रैंक हासिल किया है। यह रैंक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक(CCPI -2023) में आई है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल भारत 10वें स्थान पर था। दूसरी बड़ी उपलब्धि भारत के नाम ये है कि विश्व के शीर्ष 5 देशों में हमारे देश को शामिल किया गया है। भारत का यह प्रदर्शन जलवायु परिवर्तन के आधार पर है। खास बात यह है कि G20 देशों में भारत टॉप पर है।
सबसे खास बात यह है कि CCPE की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक चीन और आमेरिका भी हमसे पीछे हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में ईरान, सऊदी अरब और कजाकिस्तान हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि 2014 में CCPI में भारत 31वें स्थान पर था। जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) रिपोर्ट जारी करने की शुरुआत 2005 में हुई, जो हर साल जारी होती है। यह रिपोर्ट जर्मनी की जर्मन वॉच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क नामक इंटरनेशनल संस्था द्वारा किया जाता है। सीसीपीआई एक स्वतंत्र निगरानी तंत्र है, जो 59 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु सरंक्षण प्रदर्शन को ट्रैक करती है।
चलिए जानते हैं केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने किन-किन मसलों पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है…
अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 43 वां स्थान
भारत ने अपने समग्र आईपी स्कोर में 38.4 प्रतिशत से 38.6 प्रतिशत तक सुधार किया। अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 55 देश हैं। इस सूची में भारत का स्थान 43वां है। ये आने वाले कल के लिए शुभ संकेत है।
दुनिया का दूसरा आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग हब बना भारत
रियल एस्टेट कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स- 2021 में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया। चीन इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है। बड़ी बात है कि अमेरिका भी इस मामले में भारत से पीछे है।
CRII इंडेक्स में छह रैंक का सुधार
CRII इंडेक्स में भारत 123वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि इससे पहले वो 129वें स्थान पर था। इस तरह से भारत की स्थिति में 6 अंकों का सुधार हुआ है। कोविड-19 महामारी के दौरान असमानता कम करने के लिए सीआरआईआई-2022 में सरकारी नीतियों और कार्यों की समीक्षा की गई। इसमें 161 देश शामिल थे।
भारत ने प्रतिस्पर्धा सूचकांक में 43वें से 37वें स्थान पर पहुंचा
इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (IMD) के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत ने 6 अंकों की छलांग लगाकर अब 37वें स्थान पर पहुंच गया है।संस्था के अनुसार, साल 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में बेहतरीन सुधार देखा गया। इस सूची में डेनमार्क पहले और स्विट्जरलैंड दूसरे स्थान पर हैं।
भ्रष्टाचार पर लगाम
भ्रष्टाचार को लेकर वर्तमान केंद्र सरकार सत्ता संभालने के साथ ही जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर चली। यही कारण है कि अब तक घोटाले को लेकर एक भी मामले सुनने को नहीं मिले। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के नवीनतम भ्रष्टाचार संवेदन सूचकांक में भारत के अंक में सुधार हुआ है। इस सूचकांक में 180 देश हैं। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात की जाए तो यह 16 पायदान और नीचे गिर गया है।
भारतीय पासपोर्ट 90 की जगह 83वें स्थान पर, 7 पायदान की लगाई छलांग
भारतीय पासपोर्ट पहले से और ज्यादा मजबूत हो गया है। अब यह सात पायदान ऊपर उठकर 83वें स्थान पर पहुंच गया है। यह सूची हेनले पासपोर्ट इंडेक्स द्वारा जारी की गई है। जापान और सिंगापुर सूची में टॉप पर हैं।
एशिया पावर इंडेक्स में भारत चौथा सबसे प्रभावशाली देश
एशिया पावर इंडेक्स में भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में चौथे स्थान पर है। यह इंडेक्स लॉवी इंस्टीट्यूट ने जारी किया है, जो ऑस्ट्रेलिया की सिडनी में स्थित है। 26 देशों की इस लिस्ट में अमेरिका टॉप पर है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 14 अंक ऊपर
विश्वबैंक की कारोबारी सुगमता की बात की जाए तो भारत ने 14 अंकों की छलांग लगाई है। इसके साथ ही भारत 63वें स्थान पर पहुंच गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।
व्यापार सुविधा रैंकिंग में सुधार
वित्त मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सर्वेक्षण में भारत ने 90.32 प्रतिशत अंक हासिल किए। यह अंक 2021 के सर्वेक्षण में हासिल हुए हैं। दुनियाभर की 143 अर्थव्यवस्थाओं के मूल्यांकन के बाद भारत को यह उपलब्धि हासिल हुई है।